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Holashtak: होलाष्टक के इन 8 दिन माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय, देखें क्या है खास

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आज से होलाष्टक आरंभ हो गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार होली से आठ दिन पहले यानि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है। खास बात यह है कि इस वर्ष होलाष्टक आठ नहीं बल्कि नौ दिनों तक रहेगा और इसका समापन होलिका दहन यानि 07 मार्च 2023 को हो जाएगा।

बता दें कि होलाष्टक के इन आठ दिनों (इस वर्ष नौ) में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार इत्यादि पर रोक लग जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन आठ दिनों में ग्रहों का व्यवहार उग्र हो जाता है, जिसका नकारात्मक प्रभाव मांगलिक कार्यों पर पड़ सकता है। लेकिन होलाष्टक की अवधि में ग्रहों के उग्र प्रभाव से बचने के लिए कुछ ज्योतिष उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है।

होलाष्टक के कुछ प्रभावशाली उपाय
होलाष्टक के इन आठ दिनों में से किसी एक दिन शुभ मुहूर्त में हल्दी, पीली सरसों, कनेर और गुड़ इत्यादि से हवन करें। साथ ही ऋण मोचन स्तोत्र या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।

घर में आर्थिक संकट को दूर रखने के लिए और नकरात्मक उर्जा से मुक्ति के लिए होलाष्टक के पहले दिन यानि आज शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं और हर दिन शाम के समय चौखट पर दीपक जरूर जलाएं। ज्योतिष शास्त्र में इस उपाय को बहुत प्रभावशाली माना गया है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों की शांति के लिए भगवान शिव का अभिषेक नितदिन करें और अक्षत केसर, घी इत्यादि से हवन करें। इस अवधि में महामृत्युंजय मंत्र के पाठ को भी बहुत प्रभावी माना जाता है। ऐसा करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है और नौकरी में आ रहे सभी विघ्न दूर हो जाते हैं।

होलाष्टक की अवधि में नृसिंह भगवान की उपासना जरूर करें। नितदिन इनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ होलाष्टक की अवधि में आप भगवान श्री कृष्ण को गुलाल भी अर्पित करें।

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